सरकार ने उत्तराखण्ड एपिडेमिक डिजीज कोविड-19 रेग्यूलेशन एक्ट - 2020 किया लागू
- सभी स्कूल, काॅलेज, सिनेमाघर बंद रहेंगे लेकिन मेडिकल काॅलेज खुलेंगे
- एक ही स्थान पर लोगों के इकट्ठा होने पर पाबंदी, उल्लंघन करने पर 6 माह की सजा का प्रावधान
- 140 एम्बुलेंस अलर्ट पर, हेल्पलाइन नम्बर 104 शुरू किया गया
देहरादून। उत्तराखण्ड सरकार ने कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए बड़ा कदम उठाते हुए इस रोग को महामारी घोषित किया है। राज्य सरकार ने उत्तराखण्ड एपिडेमिक डिजीज कोविड-19 रेग्यूलेशन एक्ट - 2020 को लागू करने का निर्णय लिया है।
कैबिनेट मंत्री एवं शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने सरकार के इस निर्णय की पत्रकारों को जानकारी देते हुए आज यहां बताया कि सरकार के पास कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए सभी प्रकार के अधिकार होंगे। सभी स्कूल, काॅलेज, सिनेमाघरों को बन्द रखा जाएगा। केवल मेडिकल काॅलेज खुले रहेंगे। लोगों को एक स्थल पर एकत्र होने से रोका जाएगा। अवहेलना करने पर आईपीसी की धारा 188 के तहत एक माह से छह माह के कारावास का प्रावधान किया गया है।
सरकार के निर्णय में कहा गया है कि कोरोना की रोकथाम के लिए राज्य के पास पर्याप्त संसाधन एवं उपकरण उपलब्ध हैं। यह भी कहा गया है कि शासकीय मेडिकल काॅलेज में सृजित पदों के सापेक्ष 11 माह के लिए 50 प्रतिशत तक अतिरिक्त पदों की स्वीकृति होगी। स्वास्थ्य विभाग में रिक्त नर्सिंग स्टाफ की भर्ती की अनुमति होगी। आईसोलेशन वार्ड, आईसीयू तैयार, उपकरण, दवा आदि के लिए 50 करोड़ रुपये का फंड तैयार किया गया है।
उन्होंने बताया कि भविष्य में कोरोना वायरस के संक्रमण की तीव्रता बढ़ने पर प्रीफेब्रिकेटेड 100 बेड का हाॅस्पिटल तैयार किया जाएगा। निजी भवन, चिकित्सा इकाई भवन को जरूरत पड़ने पर अस्पताल बनाया जाएगा। आपात स्थिति से निपटने के लिए 140 विभागीय एम्बुलेंस को अलर्ट पर रखा गया है। बसों में सेनिटेशन (साफ-सफाई) के लिए निगम एवं प्राइवेट ऑपरेटर व्यवस्था संभालेंगे। हेल्पलाइन नम्बर 104 शुरू किया गया है। सभी होटल व्यवसायियों को एडवाइजरी जारी की गयी है। ग्राम सभाओं तथा आशा कार्यकत्रियों को भी इस अभियान में जोड़ा जाएगा।