नई दिल्ली। भारतीय सेना और वायुसेना कोरोना वायरस प्रभावित देशों में फंसे भारतीयों को स्वदेश लाने के लिए अभियान चला रही है। अगले दो-तीन दिनों में दूसरे देशों में फंसे लोगों को भारत वापस लाकर इन्हें देश के कई शहरों में रखने की व्यवस्था की गई है। भारतीय सेना फिलहाल मानेसर (हरियाणा) कैम्प में कोरोना प्रभावित लोगों को रखकर इनकी सुविधाओं पर प्रतिदिन लगभग 3.5 लाख रुपये खर्च कर रही है। 10 मार्च को वायुसेना के विमान सी-17 ग्लोबमास्टर द्वारा ईरान से लाये 57 लोगों को हिंडन वायुसेना स्टेशन पर रखा गया है और उन्हें सभी तरह की चिकित्सा सुविधाएं दी जा रही हैं। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने भी ईरान से भारतीयों को निकालने के लिए 13 और 15 मार्च को विशेष उड़ानें संचालित करने की योजना बनाई है।
वायुसेना के प्रवक्ता ने बताया कि कोरोना प्रभावित वुहान (चीन) और ईरान जैसे देशों में फंसे भारतीयों को दो बार में वायुसेना के सी-17 विमान से लाया गया है। लद्दाख क्षेत्र के कुल 57 तीर्थयात्री ईरान के शहर क्वोम गए थे। सभी को 10 मार्च को सी-17 ग्लोबमास्टर से वायुसेना स्टेशन हिंडन लाया गया था। इनमें 33 महिलाएं, 02 बच्चे और 22 पुरुष शामिल थे। इन तीर्थयात्रियों को वायुसेना स्टेशन हिंडन पर ही रखा गया है और सभी आवश्यक सुविधाएं दी जा रही हैं। इसके तहत सुरक्षा, भोजन, पानी की आपूर्ति, बिस्तर, कपड़े धोने, हाउसकीपिंग, मनोरंजन, सीवेज निपटान, परिवहन आदि की सुविधाएं शिविर में मुहैया कराई गई हैं। चिकित्सा सहायता के रूप में दैनिक स्वास्थ्य परीक्षण, प्रयोगशाला परीक्षण और चिकित्सकीय सलाह भारतीय वायु सेना अधिकारियों द्वारा दी जा रही है। इसके अलावा स्थानीय नागरिक प्रशासन के साथ वार्ता करके निकटतम सिविल अस्पतालों में अलग वार्ड बनाने और आइसोलेशन वार्ड तैयार रखने को कहा गया है।
सेना के प्रवक्ता कर्नल अमन आनंद ने बताया कि अगले 2-3 दिनों में हम और अधिक नागरिकों के भारत वापस आने की उम्मीद कर रहे हैं। हमने जोधपुर, झांसी, गोरखपुर, कोलकाता, जैसलमेर, चेन्नई और दिल्ली सहित कई शहरों में इन्हें रखने के लिए कई स्थानों पर तैयारी कर रखी है जहां हम इन लोगों को छोड़ सकते हैं। उन्होंने बताया कि मानेसर (हरियाणा) में रखे गए कोरोना प्रभावित लोगों पर भारतीय सेना प्रति दिन लगभग 3.5 लाख रुपये खर्च कर रही है। भारतीय सेना ने इसके लिए 60 कर्मियों को भी तैनात किया है। मानेसर कैम्प में सरकार के निर्देशों के तहत आपातकालीन सुविधा भी है। चूंकि सभी मरीज पहले से ही एक साथ यात्रा कर चुके हैं, इसलिए 14 दिनों के लिए सभी को अलग-अलग नहीं रखा गया है। अलग-अलग प्राथमिकताओं और मांगों के बावजूद सेना अपना काम बेहतरीन तरीके से कर रही है।
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने भी ईरान से भारतीयों को निकालने के लिए विशेष उड़ानें संचालित करने की योजना बनाई है। इसके तहत दो फ्लाइट तय की गई हैं जिनमें एक 13 मार्च को मुंबई से दोपहर 12:30 बजे और दूसरी 15 मार्च को दिल्ली से 1:40 बजे ईरान से भारतीयों को वापस लाने के लिए उड़ान भरेगी।